संस्कृत तुमची आमची -- मालिका -2 (2016)
आमंत्रण
-
कौशलम् न्यास,संस्कृत भारती व पणजी दूरदर्शन केंद्रातर्फे लवकरच संस्कृत तुमची आमची ही मालिका सादर होत आहे. यात भाग घेण्यासाठी ८वी ते १५वी या वर्गामध्ये संस्कृत शिकणारे विद्यार्थी-विद्यार्थिनी तसेच ज्यांनी त्यांच्या विद्यार्थि दशेत १०वी पर्यंत संस्कृत शिकले असेल अशा सर्वाना निमंत्रण आहे. इच्छुकांनी स्वतः ४-४ चे गट करुन नाव नोंदणी करावी. नोंदणीसाठी pathak.usha15@gmail.com हा ईमेल वापरावा. गटाची माहिती देतांना गट प्रमुखाचे नांव,वय, इयत्ता, मोबाईल क्रमांक, ईमेल व शाळेचे नाव, तसेच गटातील सर्वांचे वय, शाळा व मोबाईल क्रमांक द्यावेत. माजी विद्यार्थांनी त्यांची शाळा नमूद करावी. एकूण तीन गटात स्पर्धात्मक कार्यक्रम असेल. स्पर्धेसाठी तयारी करतांना यू टयुब वरील पठामि संस्कृतम् या श्रृंखलेतील कार्यक्रम हे संदर्भ म्हणून असतील. त्यावर आधारीत प्रश्न विचारले जातील.स्पर्धकांना ज्या महिन्यात भाग घ्यायचा असेल त्या प्रमाणे तयारी करावी.
जे
स्वतः
संस्कृत
विषयाचे
शिक्षक
असतील
ते
स्पर्धक
असू
शकत
नाहीत.परंतु
त्यांनी
परीक्षक
म्हणून
सहभागी
होण्यासाठी
नांव
नोंदणी
करावी.
पठामि
संस्कृतम्
या
मालिकेतील
धडे
खालील
लिंकवर
पहायला
मिळतील---http://bhagvadgeeta-recital.blogspot.in/2015/11/blog-post_29.html
डिसें.
२०१६
मधील
शूटिंगसाठी
पठामि
संस्कृतम्
भाग
१-१०
जाने.
२०१७
मधील
शूटिंगसाठी
पठामि
संस्कृतम्
भाग
११-२०
फेब्रु
२०१७
मधील
शूटिंगसाठी
पठामि
संस्कृतम्
भाग
१०३-१११
-------------------------------------------------------------------------------------------
संस्कृत
!
तुमची
-आमची!
(संस्कृत!आपकी-हमारी) - (2014)
देववाणी
संस्कृत को भारत के लोगोंके
मन में और घर-घर
में पहूँचानेका “संस्कृत
तुमची आमची” ये एक अनोखा प्रयास
है । संस्कृत तुमची आमची यह
केवल संस्कृत भाषा को समर्पित
ऐसी धारावाहिका है।
कौशलम
ट्रस्ट,
संस्कृत
भारती गोवा और पणजी दूरदर्शन
गोवा व्दारा पुरस्कृत यह १२
भागोंकी (Episodes)
धारावाहिका
गोवा के पणजी दूरदर्शन पर जुन
२०१४ से प्रसारित कि जा रही
है। अबतक इस धारावाहिकाके ५
Episodes
प्रसारित
हुए है और प्रेक्षकोंका प्रतिसाद
बडा ही उत्साहवर्धक और प्रेरणादायी
है।
यह
धारावाहिका पणजी दूरदर्शनपर
महिनेमें एक बार,
माह
के हर चौथे मंगलवार को शाम
५.३०
से ६.००
तक प्रसारित की जाती है।
धारावाहिका में ३ विभाग
(Segments)
होते
है। प्रत्येक विभाग (Segments)
७-८
मि.
का
होता है। पहले दो विभागोमे
(Segments)
छात्र-छात्राओंके
केवल संस्कृत भाषामें कार्यक्रम
प्रसारित किये जाते है जिसमे
बालवाडी से लेकर कॉलेज तक के
छात्र-छात्राओंका
सहभाग होता है। तिसरा विभाग
(Segments)
बडों
के लिये होता है जिसमे संस्कृत
भाषा से जुडी अनेक विषयोंके
उपर विव्दान,
जानकार
और संस्कृत प्रेमी व्यक्तियोंसे
चर्चा,
साक्षात्कार
या भाषण इस स्वरूप में कार्यक्रम
सादर किये जाते है।
हर
महिने की विशेषता जानकर या
उस महिने में आनेवाले राष्ट्रीय,
अंतरराष्ट्रीय,
प्रांतिक,
सामाजिक,
धार्मिक
आदि.
विषयोंको
ध्यान में रखकर हर Episode
का
विषय,
जिसे
अंग्रजी मे थीम कहते है,
वह
निश्चित की गई है। उसी विषय(Theme)
के
अनुसार एपिसोड का स्वरूप तय
किया गया है।
क्योंकि
यह धारावाहिका पणजी दूरदर्शनसे
प्रसारित की जाती है,
इसका
निवेदन (Anchoring)
गोवा
राज्य की भाषा कोंकणी प्रस्तुत
में होता है। लेकिन विभागोंका
सादरीकरण केवल संस्कृत भाषा
मे ही प्रस्तुत किया जाता है।
इस
धारावाहिकाकी एक और विशेषता
ये है की,
लोगोंका
इसमे सक्रिय सहभाग हो इसलिये
हर एपिसोडमे हम एक पहेलिका
बताते है और उसका उत्तर अगले
एपिसोडमे देनेकी विनंती करते
है.
और
हमे आनंद है की,हर
एपिसोड बाद हमे तुरंत फोन आते
है,
जिनमे
स्कुली बच्चोंका सहभाग जादा
होता है
नवंबर
मासतक प्रसारित हुए ५ कडीयोंका
(एपिसोड)
का
विवरण -----------
एपिसोड
नं.१-
२४
जून २०१४
विषय
(Theme)-
वर्षाऋतु
और पर्यावरण
इस
एपिसोड की जिम्मेदारी श्रीमती
सुनीता फडणीस और श्रीमती
श्रृती सरमोकदम इन्होंने
उठाई थी। बालकेंद्र पर्वरी
और हेडगेवार हायस्कूल,
पणजी
के छात्र-छात्राओंने
इसमें सहभाग लिया था। पहले
विभाग में वर्षाऋतु को लेकर
बालिकाओने वर्षानृत्य प्रस्तुत
किया। दुसरे विभाग में जंगल
कटाई होनेसे जंगली जानवर
मनुष्य वस्ती में आकर जो तबाही
मचाते है उसका नाट्यीकरण
प्रस्तुत किया। तिसरे विभाग
में अथर्ववेद और पर्यावरण इस
विषयपर डॉ.
प्रमोद
पाठक इनका साक्षात्कार प्रस्तुत
किया गया।
प्रेक्षकोंको
संस्कृत भाषामें एक प्रहेलिका
बताई गई और उसका उत्तर अगले
एपिसोड में देने को कहा गया।
एपिसोड
नं.
२-
२२
जुलै २०१४
विषय
(Theme)-
गुरुपौर्णिमा
और भारत की गुरु-शिष्य
परंपरा
एपिसोड
की जिम्मेदारी श्री.
संतोष
बेहरेजी इन्होंने उठाई थी।
इसमें वागळे हायस्कूल,
मंगेशी
और मंगेशी हायस्कूल के
छात्र-छात्राओंका
का सहभाग था। इसमे बालक-बालिकाओंने
गुरु को समर्पित श्लोकपठन
सादर किया। उसके उपरांत भरत
नाट्यम में महाभारत के एक
प्रसंग पर नृत्य नाटिका सादर
की। मंगेशी हायस्कूल के छात्रोने
छ.शिवाजी
महाराज और श्री रामदास स्वामी
यह गुरु-शिष्य
जोडीपर एक संस्कृत नाटिका
प्रस्तुत की। गोवा स्थित
संस्कृत के विव्दान श्री
लक्ष्मण पित्रे इनके साथ भारत
की गुरु-शिष्य
परंपरा इस विषय पर साक्षात्कार
प्रस्तुत किया गया। अंतमे उस
महिने की प्रहेलिका प्रस्तुत
की गई।
एपिसोड
नं.
३-
२६
ऑगस्ट २०१४
विषय
(Theme)-
श्रीकृष्ण
जन्माष्टमी और संस्कृत दिन.
इस
एपिसोड की जिम्मेदारी श्रीमती
मेघना देव्हारी इन्होने संभाली
थी। श्री आद्य शंकराचार्य
रचित बालमुकुंदाष्टकम् स्तोत्र
पर बालकृष्ण लीलाका भरत नाट्यम
एवम् नृत्य नाटिका प्रबोधन
एज्युकेशन सोसायटी के
बालक-बालिकाओंने
प्रस्तुत किया। उसके बाद
स्वामी विवेकानंद जी के १५०
वे जन्म शताब्दि को ध्यान में
रखते हुए स्वामीजी के जीवनपर
एक नाटिका प्रस्तुत कि गई।
संस्कृत साहित्यका एक अनमोल
रत्न भर्तृहरी के नीतिशतक के
उपर चर्चा प्रस्तुत कि गई।
चर्चा में गोवा के प्रसिध्द
साहित्यकार श्री.
दत्ता
नाईक,
श्रीमती
मेघना देव्हारी,
अखिलेश
साठे,
वेदांग
पाटणकर इन्होंने सहभाग लिया।
एपिसोड
नं.
४-
२३
सप्टेंबर २०१४
विषय
(Theme)-
गणेशचतुर्थी
और नवरात्री
इस
एपिसोड के पहले सेग्मेंट की
जिम्मेदारी श्रीमती शांता
म्हाम्बरे इन्होने लि थी।
मुश्टिफंड प्रायमरी स्कूल,
पणजी
के बालक-
बालिकाओं
ने सौ.
उषा
पाठक लिखित और सौ.
सुनीता
फडणीस व्दारा अनुवादित गणेश
गीत का नृत्य सादर किया। दुसरे
और तिसरे सेग्मेंट की जिम्मेदारी
श्रीमती उषा पाठक और सौ.
सुनीता
फडणीस इन्होने संभाली थी।
नवरात्री के उपलक्ष में नारी
शक्ति को समर्पित यह विभाग
वैदिक काल से लेकर आधूनिक काल
तक की नौ महिलाओंके स्वगत रूप
में प्रस्तुत किया गया।
एपिसोड
नं.
५-
२८
ऑक्टोबर २०१४
विषय
(Theme)-
संस्कृत
संभाषण वर्ग
यह
एपिसोड संस्कृत भारती गोवा
व्दारा गोवा राज्य में संस्कृत
प्रचार व प्रसार के लिये जो
काम किया जाता है उसको समर्पित
किया है। स्कूल कि छुट्टीयों
मे इस संस्था व्दारा १० दिन
के संभाषण वर्ग आयोजित किये
जाते है। और गोवा के लोग इसमें
बडे उत्साह से सहभाग लेते है।
ऐसे ही एक वर्ग का चित्रिकरण
इस एपिसोड मे प्रस्तुत किया
गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें