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शनिवार, 3 अक्तूबर 2015

पठामि संस्कृतम् भाग 104 Pathami Sanskritam



कर्मयोग -- कुशलता भी हो और यज्ञभाव भी -अर्थात् समाज को कुछ  देनेका भाव भी -- मैंने किया है भगवद्गीता के तीसरे अध्याय के कुछ श्लोकोंका विवेचन।






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