।।
श्री ।।
शोध
हेतु परियोजना की रूपरेखा
महाभारत
में परिलक्षित भारतीय तत्वज्ञान
भांडारकर
प्राच्यविद्या शोधसंस्था
के तत्वावधान में उपरोक्त
संशोधन ग्रंथ का कार्य
प्रस्तावित करने का औचित्य
है। संस्था की स्थापना सौ
वर्ष पूर्व सन १९१७ में हुई।
संस्था द्वारा संपादित "
Critical Edition of Mahabharat -- (महाभारत
ग्रंथ की क्रिटिकल एडिशन)
के Prologue
में ही प्रमुख
संपादक श्री व्ही. एस्.
सुखथनकर लिखते
हैं कि संस्थाने शैशवावस्था
में ही (१९१८)
में यह कार्य
हाथ में लिया (और
१९३३ में पूर्ण किया)
वे
लिखते हैं '' The rea ------ ------
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महाभारत
की Critical editiar के
प्रकाशन ( १९३३)
के बाद जो दूसरा
काम हाथमें लिया वह Cultural
Indexing का काम
जो...... से
...... चला.
महाभारत
संसार का सर्वाधिक विस्तार
वाला ग्रंथ है। इसके रचयिता
महर्षि व्यास को वेदव्यास
नामसे भी संबोधित किया गया
है। मान्यता है कि वेदों की
एक लक्षसे भी अधिक ऋचाओंको
उनके स्वभावनुसार व विषयानुसार
चार वेदों मे अनुक्रमित करने
का कार्य वेदव्यासने ही किया
है । तो कोई आश्चर्य
नही कि वेदों मे निहित अधिकांश
विज्ञान , कथ्य
व तत्वज्ञान भी महाभारत में
प्रतिबिम्बित हो । सही अर्थेंमें
माना जा सकता है कि जहाँ
महाभारत मे ही तबतक वर्णित
तत्वचिंतन की सूत्रबूद्ध
और क्रत्तबुद्ध किया। साथ
ही कुछ नये अध्याय अपनी ओर
से उसमें जोडे ।
इसी
परम्परा को
आगे हढाते हुए
भांडारकर संस्था
उपरोक्त प्रकार के
अध्ययन की व्यवस्था करे
यह अनुपंद्यन केंद्र आगे
बढाये सर्वथोपरी ।
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दिनांक-
१६-०३-२०१७
विषय-
भांडारकर
संस्थेमार्फत महाभारतावरील
परियोजना (प्रोजेक्ट)
राबविण्याबाबत.
प्रति,
श्री
बहुलकर,
मानद
सचिव,
भांडारकर
प्राच्यविद्या शोध संस्था,
महोदय,
आपल्याशी
झालेल्या चर्चेप्रमाणे
भांडारकर संस्थेसाठी "महाभारतात
परिलक्षित भारतीय तत्वज्ञान
"
या
विषयावर मी विस्तृत अभ्यास
करावा असे स्थूलमानाने ठरले
व संस्थेला ही संकल्पना
मान्य असल्याचे
आपण मला कळविले आहे.
तरी
या परियोजनेबाबत विस्ताराने
हा प्रस्ताव देत आहे.
परियोजनेची
उद्दिष्टे आणि औचित्य -
वेगळे
टिप्पण
परियोजनेचे
नावं -
महाभारत
में परिलक्षित भारतीय तत्वज्ञान
परियोजनेची
भाषा -
हिंदी
परियोजनेचा
कालावधी-
३ वर्षे
(
सुमारे)
--
परियोजनेचे
फलित
१)
दर
सहा महिन्यातून एक विस्तृत
लेख (सुमारे
३००० ते ४००० शब्द संख्या)
ज्या
मधे या विषयाशी निगडित एकेका
पैलूचा उलगडा असेल
२)
तीन
वर्षाच्या कालावधीनंतर वरील
विषयावर एक दर्जेदार असे
पुस्तक
परियोजनेकामी
भांडारकर संस्थेचे दायित्व
--
या
परियोजनेवर काम
करण्यासाठी २ प्रोजेक्ट
असोसिएटसची नेमणूक
तंयांच्या
कामासाठी -१
संगणक
मासिक
नेमणुकीवर
असलेल्या वाहन-
चालकाचा
पगार फेब्रु २०१७ पासून
लागू
परियोजनेवरिल
अपेक्षित खर्च एकूण रू.
६०
लाख --
वेगळी
टिप्पणी
तरी
संस्थेच्या नियमाप्रमाणे
आवश्यक बाबींची पूर्तता करून
वरील परियोजनेस मान्यता
कळविणेत यावी.
दरम्यान
मी हा अभ्यास हाती घेतलेला
आहे हे आपण जाणताच.
कळावे,
आपली
स्नेहांकित,
लीना
मेहेंदळे
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